Monday, March 18, 2019

मनोहर पारिकर का जीवन परिचय | Manohar Parrikar Biography, Life Story of Manohar Parrikar, InfoGuruDev



गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार शाम को निधन हो गया।
वह चार बार मुख्यमंत्री रहे। वह अपने सरल स्वभाव और सादगी भरे जीवन को लेकर काफी अधिक लोकप्रिय थे,
उनके सादगी का अंदाज़ा आप इस तरह से लगा सकते है कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने दफ्तर जाने के लिए स्कूटर और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते थें।

एक समय की बात है पर्रिकर अपने स्कूटर से ऑफिस जा रहे थे , रास्ते में एक गाड़ी ने उनके स्कूटर पर धक्का मारा जिस पर उन्होंने प्रतिक्रिया की तो वह गाड़ीवान उनसे कहने लगा कि ” तुम जानते नहीं हो मैं कौन हूं मैं बड़े पुलिस वाले का बेटा हूं ”

इस पर पर्रीकर ने हाथ जोड़कर उनसे कहा कि तुम बड़े पुलिस वाले के बेटे होगे भईया मगर मैं तो यहां का केवल साधारण सा सीएम हूं


गोवा के  मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर अपनी सादगी के लिए मशहूर थे । गोवा का सर्वोच्च पद होने के बावजूद पर्रीकर क्षेत्र का दौरा अपने विधायकों के साथ अकसर स्कूटर पर करते थे । जब वे किसी कार्यक्रम में शरीक भी होते हैं तो वे साधारण वेशभूषा में पहुंचते थे । पर्रीकर के एक नजदीकी बताते हैं कि एक बार पर्रीकर को एक कार्यक्रम में शरीक होने पांच सितारा होटल जाना था, लेकिन समय पर उनकी गाड़ी खराब हो गई। उन्होंने तत्काल एक टैक्सी बुलवाई और साधारण कपड़े और चप्पल पहने वे होटल पहुंचे। जैसे ही टैक्सी से वे उतरे तो होटल के दरबान ने उन्हें रोका और कहा कि तुम अन्दर नहीं जा सकते। तो पर्रीकर ने दरबान को बताया कि वे गोवा के मुख्यमंत्री हैं, यह सुनकर दरबान ठहाके मारकर हंसने लगा और बोला कि 'तू मुख्यमंत्री है तो मैं देश का राष्ट्रपति हूं।' इतने में कार्यक्रम के आयोजक मौके पर पहुंचे और मामला सुलझाया



मनोहर पर्रिकर का जन्म गोवा के मापुसा में 13 दिसंबर 1955 को हुआ था, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लोयोला हाई स्कूल, मडगांव में पूरी की थी । मराठी में अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने 1978 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे  से धातुकर्म इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

मालूम हो कि वह भारत के पहले ऐसे विधायक थे जिन्होंने अपनी शिक्षा IIT से ली थी। साल 2001 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे ने उन्हें प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया था।


पर्रिकर छोटी उम्र से ही राजनीति में दिलचस्पी लेने लगे थे और अपने स्कूल के दिनों में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  में शामिल हो गए थे। IIT से स्नातक करने के बाद भी उन्होंने RSS का काम जारी रखा और 26 साल की उम्र में स्थानीय निदेशक बन गए। आरएसएस की उत्तर गोवा इकाई में वह काफी सक्रिय थे और राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख आयोजक में से एक थे।

भाजपा के सदस्य के रूप में, पर्रिकर को 1994 में गोवा की विधानसभा के लिए चुना गया था। वह जून से नवंबर 1999 तक विपक्ष के नेता थे। उन्होंने 24 अक्टूबर 2000 को पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बनने के लिए सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था। लेकिन उनका कार्यकाल केवल 27 फरवरी 2002 तक रहा। 5 जून 2002 को, उन्हें फिर से चुना गया और मुख्यमंत्री के रूप में एक और कार्यकाल दिया गया।

साल 2014 के नवंबर में मनोहर पर्रिकर को अरुण जेटली की जगह पर देश के रक्षा मंत्री के रूप में चुना गया। 14 मार्च, 2017 को पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में एक बार फिर से शपथ ली , विजया सरदेसाई के नेतृत्व वाली गोवा फॉरवर्ड पार्टी, चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद गोवा में भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली पार्टियों में से एक रही,पार्टी ने कहा था कि यह भाजपा को समर्थन तभी बढ़ाएगा जब रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में वापस लाया जायेगा।


साल 2018 के मार्च-जून तक अमेरिका के एक अस्पताल में अग्नाशय की बीमारी का इलाज चल रहा था, इसके बाद वह भारत लौट आए और उसी साल सितंबर में उन्हें इलाज के लिए एम्स, दिल्ली में भर्ती कराया गया।

27 अक्टूबर 2018 को गोवा सरकार ने घोषणा की कि सीएम मनोहर पर्रिकर को अग्नाशय का कैंसर है। 17 मार्च 2019 को पणजी में उनके निवास पर उन्नत अग्नाशय के कैंसर के कारण उनका निधन हो गया। वह 63 वर्ष के थे।

मनोहर पर्रिकर की पत्नी मेधा पर्रिकर का भी साल 2001 में कैंसर कि वजह से निधन हो गया था। उनके दो बेटे उत्पल और अभिजात हैं। उत्पल ने अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। अभिजात कारोबारी हैं।

No comments:

Post a Comment